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BAGLAMUKHI CHALISA IN HINDI

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 II SHREE MAA BAGLAMUKHI CHALISA II 1- नमो महाविधा बरदा , बगलामुखी दयाल । स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल ।।  2- नमो नमो पीताम्बरा भवानी , बगलामुखी नमो कल्यानी ।। भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविधा वरदानी ।।  3- अमृत सागर बीच तुम्हारा , रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा । स्वर्ण सिंहासन पर आसीना , पीताम्बर अति दिव्य नवीना ।।  4- स्वर्णभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे । तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला ।।  5- भैरव करे सदा सेवकाई , सिद्ध काम सब विघ्न नसाई । तुम हताश का निपट सहारा , करे अकिंचन अरिकल धारा ।।  6- तुम काली तारा भुवनेशी ,त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी । छिन्नभाल धूमा मातंगी , गायत्री तुम बगला रंगी ।।  7- सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे । दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन ।।  8- दुष्टोच्चाटन कारक माता , अरि जिव्हा कीलक सघाता । साधक के विपति की त्राता , नमो महामाया प्रख्याता ।।  9- मुद्गर शिला लिये अति भारी , प्रेतासन पर किये सवारी । तीन लोक दस दिशा भवानी , बिचरहु तुम हि...